श्लेष
यमक
उपमा
रुपक
उपर्युक्त दोहे में श्लेष अलंकार निहित है, यहाँ ‘सुबरन’ का प्रयोग एक बार किया गया है, किन्तु पंक्ति में प्रयुक्त सुबरन शब्द के तीन अर्थ हैं, कवि के संदर्भ में सुबरन का अर्थ अच्छे शब्द, व्यभिचारी के संदर्भ में सुबरन का अर्थ सुन्दर वर, चोर के संदर्भ में सुबरन का अर्थ सोना होगा।
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