चक्रवाक
चकोर
चातक
कटक
सूर्योदय से चक्रवाक पक्षी प्रसन्न होता है। साहित्यकारों एवं कवियों की ऐसी मान्यता है कि यह पक्षी रात्रि में मादा पक्षी से अलग हो जाता है और तीव्र विरह व्यथा को प्रकट करता है और सूर्योदय के पश्चात् यह मादा से मिलता है, इसलिए कहा जाता है कि चक्रवाक पक्षी सूर्योदय से प्रसन्न होता है।
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