आज मैं यही रहूँगा।
सज्जन लोग भला ही सोचते हैं।
क्या तुम कॉलेज जाते हो ?
अभी तक पत्र नहीं मिला है।
“सज्जन लोग भला ही सोचते हैं।” अशुद्ध वाक्य है, क्योंकि ‘सज्जन’ का जन और लोग परस्पर समानार्थी होने के कारण अधिकपदत्व दोष है। इसका शुद्ध रुप - सज्जन भला ही सोचते हैं।
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