पुनरुक्ति प्रकाश
उत्प्रेक्षा
मानवीकरण
अनुप्रास
‘धरती ने खिलाये हैं ज्वलंत लाल लाल’ इस पंक्ति में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार प्रयुक्त है, क्योंकि इस वाक्य में शब्दों की पुनरावृत्ति हुई है। उत्प्रेक्षा - जिस पंक्ति में मनु, मनहु, मानो, जनु, जानहु इत्यादि शब्द आये, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है, जैसे - चित्रकूट जनु अचल अहेरी। मानवीकरण - जहाँ जड़/अचेतन में चेतनता दिखायी जाये, वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है, जैसे - मेघ आये बड़े बन-ठन के, संवर के। अनुप्रास - वर्णों की आवृत्ति को अनुप्रास कहते हैं। जैसे - बंदउँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।। (प, द, स, र की आवृत्ति) हुई है अतः अनुप्रास अंलकार है।
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