राजपत्रित अधिकारी
अराजपत्रित अधिकारी
उपरोक्त दोनों
शासकीय अधिवक्ता
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के उपबन्धों के अनुसार किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार के आरोप की विवेचना राजपत्रित अधिकारी के द्वारा ही की जाएगी जो सरकार की विभिन्न जांच एजेन्सियों के माध्यम से की जाएगी।
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