व्यक्तिवाचक
समूहवाचक
जातिवाचक
भाववाचक
कुछ व्यक्तियों में कुछ विचित्र गुण होते हैं या वे दुर्लभ गुणों के कारण उनके प्रतिनिधि माने जाते हैं। उन व्यक्तियों का नाम लेते ही उनका वह गुण दिमाग के सामने आ जाता है। ऐसी स्थिति में इनका जातिवाचक के रुप में प्रयोग होता है, जैसे - 1. हमारे देश में जयचंदों की कमी नहीं है। (यहाँ ‘जयचंदों’ का प्रयोग जातिवाचक संज्ञा के रुप में हुआ है) 2. विभीषणों से बचो। 3. कलयुग में भी हरिश्चन्द्रों की कमी नहीं है।
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