तल् + लीन
तद् + लीन
तत + लीन
तत् + लीन
‘तल्लीन’ का विच्छेद तत् + लीन (व्यंजन सन्धि) है। नियम - यदि त्+द् के बाद ‘ल’ रहे तो त्-द् ‘ल’ में बदल जाते हैं और ‘न्’ के बाद ‘ल’ रहे तो ‘न्’ का अनुनासिक के साथ ‘ल’ हो जाता है। जैसे - महान् + लाभ = महाँल्लाभ
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