अतिशयोक्ति अलंकार
श्लेष अलंकार
उपमा अलंकार
रुपक अलंकार
प्रस्तुत पंक्तियों में अतिशयोक्ति अलंकार है। यहाँ जब सुदामा दीन-हीन अवस्था में कृष्ण के पास पहुँचे तो कृष्ण उन्हें देखकर व्यक्ति हो उठे। उनकी फटी हुई एड़ियों व काँटे चुभे पैरों की हालत उनसे देखी न गई। परात में जो जल सुदामा के चरण धोने हेतु मँगवाया था उसे कृष्ण ने हाथ न लगाया। अपने आँसुओं के जल से ही उनके पाँव धो डाले। कृष्ण के मैत्री भाव को देखकर सब चकित थे।
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