'प्रेम को पंथ कराल महा, तरवारि की धारा की धार पै धावनो है।' इस पंक्ति के रचयिता हैं -

  • 1

    आलम

  • 2

    मतिराम

  • 3

    घनानंद

  • 4

    बोधा

Answer:- 4
Explanation:-

उपर्युक्त पंक्ति के रचयिता रीतिमुक्त कवि 'बोधा' है। बोधा का वास्तविक नाम बुद्धिसेन था। यह पन्ना नरेश खेत सिंह के आश्रित कवि थे।

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