वल्लभाचार्य
मध्वाचार्य
हितहरिवंश
सूरदास
राधा वल्लभ सम्प्रदाय का प्रवर्तन सन् 1534 ई. में आचार्य हित हरिवंश ने वृंदावन में किया। इस सम्प्रदाय के मंदिरों में कृष्म के साध राधा का विग्रह नहीं होता अपितु वाम पार्श्व में वस्त्रनिर्मित एक गद्दी होती है जिसके ऊपर स्वर्ण पत्र पर 'श्री राधा' शब्द अंकित रहता है।
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