ध्रुवीय क्षेत्रों के ऊपर
भूमध्य रेखा के 30 डिग्री - 60 डिग्री उत्तर दक्षिण अक्षांश रेखाओं के मध्य
रात्री में पृथ्वी से समुद्र की ओर तथा दिन में समुद्र से पृथ्वी की ओर
मौसम पर निर्भर होकर विभिन्न दिशाओं में
पछुआ पवन 30 से 60 डिग्री के मध्य दोनो गोलार्द्धों में प्रवाहित होती है। यह पवन महाद्वीपों के पश्चिमी भाग को प्रभावित करती है।
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