खड़ी बोली
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ब्रजभाषा
अवधी
अबुल हसन यमीनुद्दीन खुसरू आम लोगों में आमिर खुसरो के नाम से प्रसिद्ध है। वह एक महान संगीतकार विद्वान और कवि थे। वह सूफी रहस्यवादी थे और दिल्ली वाले निजामुद्दीन औलिया उनके आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने फारसी और हिंदी में काव्य रचना की अमीर खुसरो के कव्वाली के पिता के रूप में जाना जाता है। अमीर खुसरो को हिंदी में खड़ी तथा ब्रजभाषा में महारत हासिल था।
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