वह बच्चों की पाठ समझने की स्वशैली विकसित करने में सहायता कर रही है।
वह बच्चों को सम्पूर्ण पाठ्यवस्तु को पूर्णरूप से न पढ़ने की आवश्यकता का संकेत दे रही है।
वह आकलन के दृष्टिकोण से पाठ्यवस्तु के महत्व को पुनर्बलित कर रही है।
वह विद्यार्थियों को सामर्थ्यानुकूल स्मरण करने को प्रेरित कर रही है।
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