उन गतिविधियों को प्रस्तुत करना जो पारंपरिक पद्धतियों को सुदृढ़ बनाती है।
एक समृद्ध और विविधतापूर्ण वातावरण उपलब्ध करना।
सहयोगात्मक की अपेक्षा वैयक्तिक गतिविधियों पर अधिक ध्यान केन्द्रित करना
जितना संभव हो उतनी आवृत्ति से संगत और सुनियोजित परीक्षाओं का आयोजन करना
Post your Comments