ऋग्वेद
यजुर्वेद
अथर्ववेद
सामवेद
अथर्ववेद (Atharvaveda) में जादुई माया और वशीकरण का वर्णन है। जबकि ऋग्वेद में देवस्तुति मंत्र, यजुर्वे में पूजन विधि आदि तथा सामवेद में संगीत आदि की जानकारी दी गई है। अथर्ववेद की भाषा और स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस वेद की रचना सबसे बाद में हुई थी। अथर्ववेद के दो पाठों, शौनक और पैप्पलद, में संचरित हुए लगभग सभी स्तोत्र ऋग्वेद के स्तोत्रों के छदों में रचित हैं।
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