तृष्णारूपी अग्नि का शमन
स्वयं की पुर्वण: अस्तित्वहीनता
परमानन्द एवं विश्राम की स्थिति
धारणातीत मानसिक अवस्था
महात्मा बुद्ध ने चार आर्य सत्य बतलाये- 1. दु:ख 2. दु:ख का कारण 3. दु:ख का निवारण 4. दु:ख गामनी प्रतिप्रदा महात्मा बुद्ध के अनुसार निर्वाण की प्राप्ति के लिए तृष्णा रूपी अग्नि का शमन अनिवार्य बतलाया गया।
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