तीस
अठ्ठाईस
पचास
चालीस
जो शब्दांश शब्दं के अंत में जुड़कर उनमें परिवर्तन ला देते हैं वे प्रत्यय कहलाते हैं। प्रत्यय के दो भेद होते हैं। (1) कृत प्रत्यय (2) तद्धित प्रत्यय। वे प्रत्यय जो धातु के अंत में जोड़े जाते हैं।कृत् प्रत्यय कहलाते हैं। हिन्दी में कृत् प्रत्ययों की संख्या अठ्ठाईस है, ये निम्न प्रकार है - अक, इन, अना, आई, इत, इत्र, ई, उक, ति, दान, नाक एवं बाज आदि।
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