मीराबाई
नरहरि
सूरदास
रसखान
नाम – मीरा बाई
बचपन का नाम – पेमल
जन्म – 1498 ई. (विक्रम संवत् 1555)
जन्म स्थान – मेड़ता (राजस्थान)
पिता – रतन सिंह
पति – भोजराज
मृत्यु – 1546 ई. ( विक्रम संवत् 1603) के आसपास
मीराबाई का जन्म 1498 ई. हिंदी पंचांग के अनुसार विक्रम संवत् 1555 को राजस्थान में मेड़ता के पास कुकड़ी गांव में हुआ।
इनके पिता रतन सिंह जी तथा दादा राव दुदा जी थे व राठौड़ राजा राव जोधा जी इनके परदादा थे।
इनका बचपन का नाम पेमल था यह बचपन से ही गिरधर की भक्ति करती व भजन गाया करती तथा अपने साथ गिरधर की मूर्ति सदैव रखती थी।
गिरधर की मूर्ति को उठाना, स्नान कराना, भोजन कराना, पूजन कराना, सुलाना आदि की व्यवस्था मीरा स्वयं करती। यह मूर्ति उन्हें किसी साधु से प्राप्त हुई थी।
इनकी राग-गोविन्द के रचनाकार है- मीराबाई।
उन की रचनायें हैं - बरसी का मायरा, गीत गोविन्द टीका, राग गोविन्द और राग सोरठ के पद
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