जिसमें कि प्रथम बार में केवल वारंट ही जारी किया जा सकता है
जिसका विचारण केवल मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी द्वारा ही किया जाता है
जो कि किसी मृत्युदण्ड, आजीवन कारावास या दो वर्ष से अधिक अवधि तक के कारावास से दण्डनीय अपराध ये सम्बन्धित होता है
जिसमें कि पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती हो
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