शरीर से
संपत्ति से
शरीर व संपत्ति दोनों से
इनमें से कोई नहीं
प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार शरीर व सम्पत्ति दोनों से सम्बन्धित है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 97 में प्रत्येक व्यक्ति को मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराध के विरुद्ध अपने शरीर की एवं अन्य व्यक्ति के शरीर की प्रतिरक्षा का अधिकार है। प्रत्येक व्यक्ति को ऐसे कार्य के विरुद्ध जो चोरी, लूट, रिष्टि या आपराधिक अतिचार की परिभाषा में आने वाला अपराध है या चोरी, लूट, रिष्टि या आपराधिक अतिचार करने का प्रयत्न है। अपने या अन्य व्यक्ति के जंगम या स्थावर सम्पत्ति की प्रतिरक्षा का अधिकार है।
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