विकृतचित्तता से
मत्तता से
बाल्यावस्था
दुर्घटना से
मैकनॉटन का वाद विकृतचित्तता से सम्बन्धित हैं। इसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 84 के अन्तर्गत व्याख्यायित किया गया है। धारा 84 के अनुसार कोई बात अपराध नहीं है, जो उसे करते समय चित्तविकृत्त के कारण उस कार्य की प्रकृति, या यह कि जो कुछ वह कर रहा है, वह दोषपूर्ण या विधि के प्रतिकूल है, जानने में असमर्थ है।
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