बच्चे समवयस्कों और वयस्कों के साथ सामाजिक अंत: क्रियाओं के माध्यम से सीखते हैं।
बच्चे तब सीखते हैं जब उनमके लिए आकर्षक पुरस्कार निर्धारित किए जाए।
बच्चों के चिंतन को तब समझा जा सकता है जब प्रयोग शाला में पशुओं पर प्रयोग किए जाएँ।
बच्चे जन्म से शैतान होते हैं और उन्हें दंड देकर नियंत्रित किया जाना चाहिए।
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