श्रवण असमर्थता वाले बच्चों के विद्यालय में ही भेजा जाना चाहिए, नियमित विद्यालय में नहीं
केवल अकादमिक शिक्षा में लाभ नहीं उठा पाएगा, उसे उसके स्थान पर व्यवसायिक शिक्षा दी जानी चाहिए
नियमित विद्यालय में बहुत अच्छा कर सकता है यदि उसे उपयुक्त सुविधा और साधन उपलब्ध कराए जाएँ
नियमित विद्यालय में अपने सहपाठियों के समान कभी प्रदर्शन नहीं कर सकेगा।
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