हर बच्चे को प्रत्येक विषय आठ भिन्न तरीकों से पढ़ाया जाना चाहिए ताकि सभी बुद्धियों विकसित हों
बुद्धि को केवल बुद्धिलब्धि (IQ) परीक्षा से ही निर्धारित किया जा सकता है
शिक्षक को चाहिए कि विषयवस्तु का वैकल्पिक विधियों से पढ़ाने के लिए बहुबुद्धियों को एक रूपरेखा की तरह ग्रहण करें
क्षमता भाग्य है और एक अवधि के भीतर नहीं बदलती
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