सरीसृपों में पक्षियों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक वृक्काणु (नेफ्रॉन्स ) होते है।
उनकी मूल कार्यात्म इकाइयों का वृक्काणु (नेफ्रॉस) कहा जाता है।
वे पानी के संतुलन को बनाए रखते हैं और उपापचय अपशिष्ट को निष्कासित करते है।
प्रत्येक वृक्काणु के दो भाग होते है- केशिका गुच्छा और वृक्क नलिका।
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