प्रत्येक विद्यार्थी स्वयं में विशिष्ट है। इसका अर्थ है कि -

  • 1

    विद्यार्थियों में न कोई समान विशेषताएँ होती हैं और न ही उनके लक्ष्य समान होते हैं

  • 2

    सभी शिक्षार्थियों में एकसमान पाठ्यचर्या सम्भव नहीं है

  • 3

    एक विषमरूपी कक्षा में शिक्षार्थियों की क्षमताओं को विकसित करना असम्भव है

  • 4

    कोई भी दो शिक्षार्थी अपनी योग्यताओं रूचियों तथा प्रतिभाओं आदि में एक समान नहीं हो सकते।

Answer:- 4

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