प्रति इकाई आय पर बचत
प्रति इकाई आय पर उपभोग
प्रति इकाई आय परिवर्तन पर बचत में परिवर्तन
प्रति इकाई आय परिवर्तन पर उपभोग में परिवर्तन
व्यक्ति अपनी आय का एक भाग उपभोग पर खर्च करता है और जो शेष बचता है उसे बचत कहते है। उपभोग प्रवृत्ति दो प्रकार की होती है 1 औसत उपभोग प्रवृत्ति- समाज में कुल आय का जो भाग उपभोग में प्रयोग किया जाता है उससे ही औसत उपभोग प्रवृत्ति का निर्धारण होता है। अर्थात औसत उपभोग प्रवृत्ति कुल आय का वही भाग है जो कुल उपभोग पर व्यय किया जाता है 2. सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति - जब आय में परिवर्तन होता है तो उपभोग की मात्र में भी परिवर्तन होता है तो उपभोग की मात्र में भी परिवर्तन होता है। अर्थात् जब आय में वृद्धि होती है, तो उपभोग बढ़ता है और आय में कमी होती हैतो उपभोग भी घटता जाता है।
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