एक दानशाला
एक खैराती अस्पताल
एक पुस्तकालय
तीर्थयात्रायों के लिए एक अतिथिगृह
अपने कल्याणकारी कार्यों के अंतर्गत फिरोज ने एक रोजगार दफ्तर एवं मुस्लिम, अनाथ स्त्रियों, विधवाओं एवं लड़कियों की सहायता हेतु एक नए दीवाने खैरात नामक विभाग की स्थापना की। दारुल शफा (शफा-जीवन का अंतिम किनारा, जीवन का अंतिम भाग) नामक एक राजकीय अस्पताल का निर्माण कराया, जिसमें गरीबों का मुफ्त इलाज होता था।
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