वैदिक काल में
दसवीं शताब्दी ईस्वी में
बारहवीं शताब्दी ईस्वी में
पंद्रहवी और सोलहवीं शताब्दी ईस्वी में
वैसे तो उस श्वेताश्वर में पहली बार भक्ति का उल्लेख मिलता है, किंतु भक्ति का सर्वप्रथम विस्तृत उल्लेख श्रीमद्भागवत गीता में है जहां से मोक्ष प्राप्ति का साधन बताया गया है। 15वीं और 16वीं शताब्दी के मध्य काल में भक्ति आंदोलन की शुरुआत हुई। सर्वप्रथम दक्षिण के अलवार भक्तों द्वारा की गई। दक्षिण भारत से उत्तर भारत में 12 वीं शताब्दी के प्रारंभ में रामानंद द्वारा आंदोलन लाया गया।
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