सआदत खाँ
निजामुलमुल्क
खाने दौरान
कमरुद्दीन
16 मई को दिल्ली में विनाशकारी 57 दिन बीतने के बाद नादिरशाह ने दिल्ली को अलविदा कहा। अपने साथ ही मुगलों की 8 पीढ़ियों की अकूत संपत्ति और खजाना भी ले गया। उसका सबसे बड़ा इनाम तख्त-ए-ताऊस था जिसमें कोहिनूर और तिमुर माणिक्य चढ़े हुए थे। नादिरशाह और मुहम्मदशाह के मध्य समझौता कराने में निजामुलमुल्क का प्रमुख भूमिका थी।
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