कर्म
करण
संप्रदान
अपादान
जिसके द्वारा कर्ता कोई काम करता है, उसे करण कहते हैं, जैसे - मुझसे यह काम न सधेगा। यहाँ मुझसे का अर्थ है ‘मेरे द्वारा’, ‘मुझ साधनभूत के द्वारा’ या ‘मुझ-जैसे साधन के द्वारा।’ अतः ‘साधन’ को इंगित करने के कारण यहाँ ‘मुझसे’ का ‘से’ करण का विभक्ति चिन्ह है। कर्म - वाक्य में क्रिया का फल जिस शब्द पर पड़ता है, उसे कर्म कहते हैं। इसकी विभक्ति ‘को’ है। सम्प्रदान - जिसके लिए कुछ किया जाए या जिसको कुछ दिया जाए। अपादान - संज्ञा के जिस रुप से किसी वस्तु के अलग होने का भाव प्रकट हो।
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