अपादान कारक
सम्बन्ध कारक
अधिकरण कारक
सम्प्रदान कारक
क्रिया का आधार सूचित करने वाला कारक ‘अधिकरण कारक’ कहलाता है, जबकि जहाँ किसी वस्तु के अलग होने का भाव प्रकट हो उसे अपादान कारक तथा जिस शब्द से किसी के साथ सम्बन्ध या लगाव प्रतीत हो वहाँ सम्बन्ध कारक और जहाँ कोई वस्तु किसी को पूर्ण रुप से दान दी जाती हो वहाँ पर सम्प्रदान कारक होता है।
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