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ईस्ट इंडिया कंपनी एक निजी व्यापारिक कंपनी थी, जिसमें 1600 ईसवी में ऐसा ही अधिकार पत्र द्वारा व्यापार करने का अधिकार प्राप्त कर लिया था। इसकी स्थापना 1600 ईसवी के अंतिम दिन महारानी एलिजाबेथ प्रथम के एक घोषणा पत्र द्वारा हुई। यह लंदन के व्यापारियों की कंपनी थी जिसे पूर्व में व्यापार करने का एकाधिकार प्रदान किया गया था। कंपनी का मुख्य उद्देश्य धन कमाना था। 1708 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी की प्रतिद्वंदी कंपनी ‘न्यू कंपनी’ का ईस्ट इंडिया कंपनी में विलय हो गया।
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