मराठा
मुगल
राजपूत
सिक्ख
भारतीय राज्यों के मध्य राजनीतिक सर्वोच्चता एवं क्षेत्रीय विस्तार के संघर्षों ने ईस्ट इंडिया कंपनी को इन राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का सुनहरा अवसर प्रदान किया। जहां तक मराठों के क्षेत्र का प्रश्न है तो यहां ब्रिटिश हस्तक्षेप का मुख्य कारण वाणिज्यिक था। भारत में अंग्रेजों का सबसे ज्यादा विरोध मराठों ने किया था।
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