"पाठ्यचर्या ऐसी हो, जो पाठ्य-पुस्तक के ज्ञान को पुन: प्रस्तुत करने के स्थान पर बच्चों को अपनी आवाजें पाने, कार्य करने के लिए अपनी जिज्ञासा का पोषण करने, प्रश्न पूछने और जांच-पड़ताल करने तथा अपने अनुभवों को बांटने तथा विद्यालय के ज्ञान के साथ जोड़ने में सक्षम बनाए।" राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005, पृष्ठ 13 इस पृष्ठभूमि में, एक शिक्षक की प्राथमिक भूमिका क्या होनी चाहिए-

  • 1

    बच्चों को उनकी अपनी समझ और अपने ज्ञान को साझा करने के पर्याप्त अवसर देना।

  • 2

    बच्चों के अनुभवों को निरस्त कर पाठ्य-पुस्तकों पर ध्यान केंद्रित करना।

  • 3

    पाठ्य-पुस्तक के अध्यायों को क्रमवार पूरा कराना।

  • 4

    यह सुनिश्चित करना कि शिक्षिका अच्छे प्रश्न पूछे और शिक्षार्थी अपनी उत्तर-पुस्तिका में उत्तर लिखें।

Answer:- 1

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