ग्रामीण क्षेत्रों से
शहरी क्षेत्रों से
ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों दोनों से
पंजाब से
प्रारम्भ में भारत के अधिवेशन नेता नरमपंथी स्वभाव के थे जिसमें महादेव, गोविन्द रानाडे, दादाभाई नौरोजी, डब्लू0 सी बनर्जी, गोपाल कृष्ण गोखले और फिरोजशाह मेहता प्रमुख हैं। ये अधिवेशन शहरी थे और अपने-अपने क्षेत्र के सफल व्यक्ति थे अर्थात् राजनीति इनका पेशा नहीं था। उपाधियाँ और बड़े-बडे़ पद इन्हें आकर्षित करते थे। एक बार फिरोजशाह मेहता स्वयं कहे थे कि कांग्रेस की आवाज जनता की आवाज नहीं है।
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