प्रसादजी का वह नाटक जिसमें उन्होंने समसामयिक प्रश्नों को न उठा कर देशकालातीत शाश्वत समस्याओं को उठाया है -

  • 1

    जनमेजय का नागयज्ञ

  • 2

    एक घूँट

  • 3

    विशाख

  • 4

    कामना

Answer:- 4

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