आभूषणों से
मोहरों से
खिलौनों से
मूर्तियों से
सिन्धु घाटी की लिपि की सूचना मोहरों से होती है। सिंधु लिपि के बारे में सर्वप्रथम विचार व्यक्त करने वाला प्रथम व्यक्ति अलेक्जेंडर कनिंघम थे। कनिंघम ने 1873 ई. में विचार व्यक्त किया कि इस लिपि का संबंध ब्राह्मी लिपि से है।
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