नीचे दिए गए गद्यांश के बाद निर्देश : प्रश्न दिए गए हैं। इस गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़े और चार विकल्पों में से प्रत्येक प्रश्न का सर्वोत्तम उत्तर चुनें।
लगभग पांच शताब्दी पूर्व पुर्तगाली इतिहासकार डोमिंग पेस ने हम्पी (वियजनगर) को स्वप्नो की नगरी कहा था। यह संगम वंश के शासको की राजधानी थी, जिन्होने 1336 ई. में प्राचीन हम्पी स्थल पर विजय नगर साम्राज्य को नीव रखी थी। लेकिन वह कृष्णदेव राय (1500.1520 ई.) थे, जिन्होंने भव्य महल और मन्दिरो से राजधानी को अलंकृत किया और विजयनगर
साम्राज्य की सीमाओ को दूर-दूर तक फैलाया जिससे वह दक्षिण भारत का सवाधिक शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य बना। परन्तु इस साम्राज्य की शक्ति का पतन पड़ोसी बहमई राज्यों के संघ के 1565 ई. मे संयुक्त आक्रमण से आरम्भ हुआ। इस प्रकार विजयनगर को परास्त करके नष्ट कर दिया गया। यह उस साम्राज्य का दुखद अन्त था जो कभी अरब सागर से बंगाल की खाड़ी और दक्कन पठार से भारतीय प्रायद्वीप तक फैला था। विजयनगर के भग्नावशेष एक-दूसरे पर टंगो विशाल चट्टानो को निर्जन दृश्यावली के बीच फैले है। दक्षिण भारत के राजनीतिक परिदृश्य में अपने उदय से पूर्व हम्पी कई शताब्दियो से एक प्रख्यात पावन स्थल था। रामायण मे जैसा वर्णित है, यह बालो शासित क्षेत्र किष्किन्धा का एक भाग था। इस स्थान में बाली और सुग्रीव, हनुमान, राम, सीता, लक्ष्मण से जुड़ी अनेक घटनाएं घटी है। तुंगभद्रा नदी के पार स्थित वर्तमान एनोगोण्डी दर्ग इस वानर साम्राज्य का प्रमुख केन्द्र था। हम्पी
के चट्टानो पर्वत जैसे- हेमकुट पर्वत, मातग पर्वत और माल्यावंथ पर्वत का उल्लेख रामायण में मिलता है। तुगभद्रा का प्राचीन नाम और पार्वती का नाम पम्पा है. जिसने विरूपाक्ष रूपो शिव से विवाह किया था। इसी नाम पर इस नगरी का नाम पड़ा है। 'हम्पी' साम्राज्य की शक्ति का पतन कैसे हुआ?

  • 1

    आपसी मनमुटाव

  • 2

    आपसी झगड़ा

  • 3

    संयुक्त आक्रमण

  • 4

    आपसी फूट

Answer:- 3

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