करता है
बात
धीरे
धीरे-धीरे
"वह बहुत धीरे-धीरे बात करता है" में रीतिवाचक अव्यय क्या है- अव्यय शब्द सदैव मूल रूप में रहते हैं। इन पर लिंग, वचन, पुरूष कारक आदि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता। ये सदैव अपरिवर्तित रहते हैं। इन्हें अविकारी शब्द भी कहते हैं। रीतिवाचक अव्यय में - ऐसे, वैसे, जैसे, मानो, धीरे-धीरे, अवश्य, इसलिए, सा, तो , जी, यथासम्भव, तक, हाँ ...........।
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