उसकी कमजोर सेना
उसकी प्रशासनिक नीति
व्यापार में कमी और आर्थिक आपदा
आंतरिक साजिशें और विश्वासघात
सिराजुद्दौला का उद्यम अपने व्यक्तिगत हितों की रक्षा था, किन्तु चारित्रिक दृढता के अभाव में उसे लक्ष्य प्राप्ति में असफलता मिली। वास्तव में वह न तो कायर था और न ही युद्धों से घबराता ही था। अपने मौसेरा भाई शौकतजंग से युद्ध में निर्णायक सफलता मिली और इसी युद्ध में शौकतजंग मारा गया। उसके अंग्रेजों से अप्रसन्न रहने के यथेष्ट कारण थे।
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