अलीवर्दी खाँ
मुर्शीदकुली खाँ
सिराजुद्दौला
सरफराज खाँ
सबसे अधिक बोली लगाने वाले को भूमि ठेके पर दी जाती थी।किन्तु इस व्यवस्था से कम्पनी को ज्यादा लाभ नहीं हुआ क्योंकि इस व्यवस्था से उनकी वसुली मे अस्थिरता आ गयी।पंचवर्षिय ठेके के इस दोष के कारण 1777 ई0 में इसे परिवर्तित कर दिया गया तथा ठेके की अवधि एक वर्ष कर दी गयी।
Post your Comments