वेडेल
साइबेरिया
अथाबास्का
जम्मू कश्मीर
हाल ही में जम्मू-कश्मीर में एक इग्लू कैफे खोला गया।
यह अब दुनिया का सबसे बड़ा इग्लू कैफे है। इस कैफे का नाम स्नोग्लू (Snowglu) है। इसे वसीम शाह ने बनवाया है।
यह कैफे कश्मीर के गुलमर्ग में बनाया गया है।
इसका व्यास 44.5 फीट और ऊंचाई 37.5 फीट है।
यह कैफे इस क्षेत्र के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक बन गया है।
इस कैफे में दो खंड हैं।
एक खंड कला के लिए और दूसरा बैठने के लिए है।
इसमें दस टेबल हैं। कैफे में 40 लोग बैठ सकते हैं।
रेस्तरां में सीट कवर बनाने के लिए भेड़ की खाल का इस्तेमाल किया जाता था।
स्विट्ज़रलैंड →
इससे पहले सबसे बड़ा कैफे स्विट्जरलैंड में था।
स्विट्जरलैंड का कैफे 33.8 फीट लंबा और 42.4 फीट व्यास का है।
स्नोग्लू कैफे स्विट्जरलैंड के कैफे से तीन से चार फीट लंबा है।
इग्लू →
बर्फ से बनाये जाने वाले घर को इग्लू कहा जाता है। बर्फ हवा के अणुओं को फंसा लेती है।
ये हवा के अणु घर को गर्म रखते हैं।
बाहर का तापमान -45 डिग्री सेल्सियस हो सकता है।
लेकिन इग्लू के अंदर यह -7 डिग्री सेल्सियस हो सकता है।
इग्लू बनाने के लिए सबसे अच्छी बर्फ वह होती है जो हवा से उड़ाई जाती है।
इग्लू के पीछे का विज्ञान →
बर्फ में इन्सुलेटिंग गुण होते हैं। यह 90% से 95% हवा से बनी होती है।
बर्फ में हवा गर्मी हस्तांतरण को धीमा कर देती है।
इस प्रकार मानव शरीर की गर्मी और जलाऊ लकड़ी के उपयोग से उत्पन्न गर्मी लंबे समय तक इग्लू के अंदर रहती है।
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