जैन धर्म का आधारभूत बिंदु है -

  • 1

    कर्म

  • 2

    निष्ठ

  • 3

    अहिंसा

  • 4

    विराग

Answer:- 3
Explanation:-

अहिंसा का सामान्य अर्थ हिंसा ना करना इसका व्यापक अर्थ है-  किसी भी प्राणी को तन, मन, कर्म, वचन और वाणी से कोई नुकसान न पहुंचाना। मन में किसी का अहित न सोचना, किसी को कटु वाणी आदि के द्वारा भी नुकसान न देना तथा कर्म से भी किसी भी अवस्था में किसी भी प्राणी को हिंसा न करना या अहिंसा है जैन धर्म के मूल मंत्र में अहिंसा परमो धर्म कहा गया है।

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