संसदीय समिति ने हाल ही में मनरेगा (MGNREGA) में काम करने के दिनों की संख्या को 100 से बढ़ाकर कितना करने की सिफारिश की है -

  • 1

    110 दिन

  • 2

    120 दिन

  • 3

    125 दिन

  • 4

    150 दिन

Answer:- 4
Explanation:-

संसदीय समिति ने हाल ही में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम के गारंटीकृत दिनों को 100 से बढ़ाकर 150 करने की सिफारिश की है।
समिति ने ऐसे समय में सिफारिशें दीं, जब कोविड -19 महामारी के बीच अपने गांवों में लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए यह योजना सुरक्षा जाल बन गई है।
इसके अलावा, इस योजना के तहत काम की मांग वित्तीय वर्ष 2021-2022 में अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
समिति की सिफारिशें →
इसने बजटीय आवंटन को अधिक व्यावहारिक तरीके से करने की सिफारिश की, ताकि मजदूरी और भौतिक हिस्से के भुगतान के लिए धन का प्रवाह निर्बाध रूप से बनाए रखा जा सके और किसी भी समय धन की कमी न हो।
इस समिति ने मौजूदा प्रावधानों पर भी ध्यान दिया और कहा कि मनरेगा ग्रामीण लोगों के लिए आखिरी ‘फॉल बैक’ विकल्प है। 
इसने ग्रामीण विकास विभाग को 100 से 150 दिनों के काम के गारंटीकृत दिनों की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए योजना की समीक्षा करने की सिफारिश की।
इस समिति ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को इस योजना के तहत मजदूरी दरों को मुद्रास्फीति के अनुरूप सूचकांक से जोड़कर बढ़ाने के लिए भी कहा है।
बजट 2022 में फंड आवंटन →
वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय बजट 2022-23 में मनरेगा के लिए आवंटन में वृद्धि नहीं की है। 
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मंत्रालय ने इसे 73,000 करोड़ रुपये पर बरकरार रखा है।
मनरेगा में सुधार की क्या जरूरत है ?
बदलते समय और कोविड -19 महामारी के आलोक में उभरती चुनौतियों को देखते हुए मनरेगा योजना को नया रूप देने की आवश्यकता है।
इस प्रकार, समिति का विचार है कि इस योजना के कार्यों की प्रकृति में इस तरह से विविधता लाने की आवश्यकता है कि गारंटीकृत कार्य दिवसों की संख्या को कम से कम 150 दिनों तक बढ़ाया जा सके।

Post your Comments

Your comments will be displayed only after manual approval.

Test
Classes
E-Book