थेरीगाथा
आचारांगसूत्र
सूत्रकृतांग
बृहत्कल्पसूत्र
ऐतिहासिक जानकारी हेतु जैन साहित्य भी बौद्ध साहित्य की तरह महत्वपूर्ण है। अब तक उपलब्ध जैन साहित्य प्रकृति एवं संस्कृति भाषा में मिलते हैं। जैन साहित्य के विशेषज्ञ तथा अनुसंधान पूर्ण लेखक अगरचंद्र नाथ थे। जैन साहित्य जिसे आगम कहा जाता था। वे निम्न है- आचरांग,सूर्यकंडक, समवायांग, भगवती सूत्र, विवागसूत्र इत्यादि।
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