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रामानुज का
चैतंय का
रामानंद का
कबीर का
जाति - पाति पूछे न कोई। हरि को भजे सो हरि हुई।। ऐसी भावना रखने वाले रामानंद प्रथम भक्ति संत थे। जिन्होंने हिंदी भाषा को अपने मत के प्रचार का माध्यम बनाकर भक्ति आंदोलन को जनाधार दिया।
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