नामदेव
चक्रधर
रामदास
निम्बार्क
नामदेव ने ब्राह्मणों की प्रभुता को चुनौती दी तथा जाति प्रथा का विरोध करते हुए सभी जाति के लोगों को अपना शिष्य स्वीकार किया। अपने अनुयायियों वासियों के मध्य इन्होंने ईश्वर के प्रति बिना शर्त प्रेम और समर्पण का उपदेश दिया। भक्ति आंदोलन में संतों में नामदेव इस्लाम से अत्यधिक प्रभावित थे। यह वरकरी संप्रदाय का संत भी था।
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