जैनधर्म में पोसढ का अर्थ है -

  • 1

    अनुयायियों द्वारा वर्ष के अंत में किए गए किसी अपराध की स्वीकृति हेतु तपस्या

  • 2

    जैन अनुयायियों द्वारा नए एवं पूर्णमासी के दिन किया जाने वाला उपवास

  • 3

    नए सदस्यों को जैनधर्म में शामिल करने के लिए प्रारम्भिक समारोह

  • 4

    आचार संहिता का उल्लघंन करने वालों को दंड

Answer:- 2
Explanation:-

जैन धर्म में पोसढ का अर्थ जैन अनुयायियों द्वारा नए एवं पूर्णमासी के दिन किया जाने वाला एक उपवास है। हितेन शाह पर्यूषण पर्व में अपने अनुभव की व्याख्या करते हुए कहते हैं कि जैन धर्म में उपवास नकारात्मक कर्मों को नष्ट कर देता है।

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