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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को सूरत में KRIBHCO की बायो-इथेनॉल परियोजना ‘कृभको हजीरा’ का शिलान्यास किया।
इसकी क्षमता 2.5 लाख लीटर/दिन उत्पादन छमता है।
कमेटी ने 2030 तक का लक्ष्य रखा कि भारत के पेट्रोल-डीजल की खपत का 20 फीसदी तक हम इथेनॉल बनाकर हम सम्मिश्रण करेंगे।
बता दें कि बायो फ्यूल यानी इथेनॉल पेट्रोल के मुकाबले कहीं कम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करता है।
इथेनॉल कई तरह से फायदेमंद है, अगर वाहन में बायो फ्यूल से तैयार किया गया फ्लेक्स फ्यूल इस्तेमाल किया जा रहा है तो इससे प्रदूषण में कमी की जा सकती है।
दरअसल, फ्लेक्स फ्यूल जब वाहन के इंजन में जलता है तो यह कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन और अन्य खतरनाक गैसों के उत्सर्जन को कम करता है।
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